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Amazon पर Seller बनना – Platform का फायदा, लेकिन Seller का 100% नुकसान!

मैंने हाल ही में Amazon पर एक seller के रूप में शुरुआत की, लेकिन मेरा अब तक का अनुभव अत्यंत निराशाजनक रहा है।

इस प्लेटफॉर्म पर छोटे विक्रेताओं के लिए कोई स्थायी लाभ नहीं दिखता — बल्कि हर कदम पर नुकसान ही होता है।

👉 सबसे बड़ी समस्याएं:

1. बहुत कम Orders आते हैं – और जो गलती से आ भी जाते हैं, वो या तो fake होते हैं, या फिर ग्राहक बिना वजह return कर देता है।

2. Returns का सारा खर्च seller को भुगतना पड़ता है –

ग्राहक चाहे इस्तेमाल करके लौटाए या खराब कर दे, Amazon उसकी पूरी राशि तो लौटा देता है, लेकिन उस नुकसान का कोई भुगतान seller को नहीं मिलता।

3. Courier Charges और Fees बहुत अधिक हैं –

कई बार ₹200 में बिका product seller को सिर्फ ₹40–₹50 देकर छोड़ दिया जाता है।

उसमें भी अगर ad चलाया है तो वो भी seller की जेब से जाता है।

4. Advertisement ज़रूरी बना दिया गया है –

बिना advertisement के product ranking में ही नहीं आता, और अगर आप पैसे देकर ad चलाते हैं तब भी guarantee नहीं कि order आएगा।

यानी पैसा देना पक्का है, order मिलना नहीं।

5. Product का Rate बहुत कम रखने की मजबूरी होती है –

Amazon का system ही ऐसा है कि "सबसे कम दाम" वाला product ही बिकता है, वरना visibility ही नहीं मिलती।

6. Seller Support से कोई मदद नहीं मिलती –

जब कोई परेशानी आती है, तो automated जवाब मिलता है या आपकी complaint को ignore कर दिया जाता है

👉 निष्कर्ष:

Amazon ने तो केवल एक platform दिया है —

कमाई वह करता है, जोखिम seller उठाता है।

घर से माल भेजो, नुकसान सहो, return झेलो, और ऊपर से खुद ही ad चलाओ — ये seller के लिए घाटे का सौदा है।

🔴 मेरी सिफारिश और चेतावनी:

जब तक Amazon अपनी policies में पारदर्शिता, returns की जवाबदेही और charge system में सुधार नहीं करता —

मैं किसी भी छोटे या नए seller को यह प्लेटफॉर्म join करने की सिफारिश नहीं कर सकता।

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Tags:ASIN, Fees, Listings, Pricing, Restricted Products
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Amazon पर Seller बनना – Platform का फायदा, लेकिन Seller का 100% नुकसान!

मैंने हाल ही में Amazon पर एक seller के रूप में शुरुआत की, लेकिन मेरा अब तक का अनुभव अत्यंत निराशाजनक रहा है।

इस प्लेटफॉर्म पर छोटे विक्रेताओं के लिए कोई स्थायी लाभ नहीं दिखता — बल्कि हर कदम पर नुकसान ही होता है।

👉 सबसे बड़ी समस्याएं:

1. बहुत कम Orders आते हैं – और जो गलती से आ भी जाते हैं, वो या तो fake होते हैं, या फिर ग्राहक बिना वजह return कर देता है।

2. Returns का सारा खर्च seller को भुगतना पड़ता है –

ग्राहक चाहे इस्तेमाल करके लौटाए या खराब कर दे, Amazon उसकी पूरी राशि तो लौटा देता है, लेकिन उस नुकसान का कोई भुगतान seller को नहीं मिलता।

3. Courier Charges और Fees बहुत अधिक हैं –

कई बार ₹200 में बिका product seller को सिर्फ ₹40–₹50 देकर छोड़ दिया जाता है।

उसमें भी अगर ad चलाया है तो वो भी seller की जेब से जाता है।

4. Advertisement ज़रूरी बना दिया गया है –

बिना advertisement के product ranking में ही नहीं आता, और अगर आप पैसे देकर ad चलाते हैं तब भी guarantee नहीं कि order आएगा।

यानी पैसा देना पक्का है, order मिलना नहीं।

5. Product का Rate बहुत कम रखने की मजबूरी होती है –

Amazon का system ही ऐसा है कि "सबसे कम दाम" वाला product ही बिकता है, वरना visibility ही नहीं मिलती।

6. Seller Support से कोई मदद नहीं मिलती –

जब कोई परेशानी आती है, तो automated जवाब मिलता है या आपकी complaint को ignore कर दिया जाता है

👉 निष्कर्ष:

Amazon ने तो केवल एक platform दिया है —

कमाई वह करता है, जोखिम seller उठाता है।

घर से माल भेजो, नुकसान सहो, return झेलो, और ऊपर से खुद ही ad चलाओ — ये seller के लिए घाटे का सौदा है।

🔴 मेरी सिफारिश और चेतावनी:

जब तक Amazon अपनी policies में पारदर्शिता, returns की जवाबदेही और charge system में सुधार नहीं करता —

मैं किसी भी छोटे या नए seller को यह प्लेटफॉर्म join करने की सिफारिश नहीं कर सकता।

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इस प्लेटफॉर्म पर छोटे विक्रेताओं के लिए कोई स्थायी लाभ नहीं दिखता — बल्कि हर कदम पर नुकसान ही होता है।

👉 सबसे बड़ी समस्याएं:

1. बहुत कम Orders आते हैं – और जो गलती से आ भी जाते हैं, वो या तो fake होते हैं, या फिर ग्राहक बिना वजह return कर देता है।

2. Returns का सारा खर्च seller को भुगतना पड़ता है –

ग्राहक चाहे इस्तेमाल करके लौटाए या खराब कर दे, Amazon उसकी पूरी राशि तो लौटा देता है, लेकिन उस नुकसान का कोई भुगतान seller को नहीं मिलता।

3. Courier Charges और Fees बहुत अधिक हैं –

कई बार ₹200 में बिका product seller को सिर्फ ₹40–₹50 देकर छोड़ दिया जाता है।

उसमें भी अगर ad चलाया है तो वो भी seller की जेब से जाता है।

4. Advertisement ज़रूरी बना दिया गया है –

बिना advertisement के product ranking में ही नहीं आता, और अगर आप पैसे देकर ad चलाते हैं तब भी guarantee नहीं कि order आएगा।

यानी पैसा देना पक्का है, order मिलना नहीं।

5. Product का Rate बहुत कम रखने की मजबूरी होती है –

Amazon का system ही ऐसा है कि "सबसे कम दाम" वाला product ही बिकता है, वरना visibility ही नहीं मिलती।

6. Seller Support से कोई मदद नहीं मिलती –

जब कोई परेशानी आती है, तो automated जवाब मिलता है या आपकी complaint को ignore कर दिया जाता है

👉 निष्कर्ष:

Amazon ने तो केवल एक platform दिया है —

कमाई वह करता है, जोखिम seller उठाता है।

घर से माल भेजो, नुकसान सहो, return झेलो, और ऊपर से खुद ही ad चलाओ — ये seller के लिए घाटे का सौदा है।

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इस प्लेटफॉर्म पर छोटे विक्रेताओं के लिए कोई स्थायी लाभ नहीं दिखता — बल्कि हर कदम पर नुकसान ही होता है।

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1. बहुत कम Orders आते हैं – और जो गलती से आ भी जाते हैं, वो या तो fake होते हैं, या फिर ग्राहक बिना वजह return कर देता है।

2. Returns का सारा खर्च seller को भुगतना पड़ता है –

ग्राहक चाहे इस्तेमाल करके लौटाए या खराब कर दे, Amazon उसकी पूरी राशि तो लौटा देता है, लेकिन उस नुकसान का कोई भुगतान seller को नहीं मिलता।

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कई बार ₹200 में बिका product seller को सिर्फ ₹40–₹50 देकर छोड़ दिया जाता है।

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5. Product का Rate बहुत कम रखने की मजबूरी होती है –

Amazon का system ही ऐसा है कि "सबसे कम दाम" वाला product ही बिकता है, वरना visibility ही नहीं मिलती।

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जब कोई परेशानी आती है, तो automated जवाब मिलता है या आपकी complaint को ignore कर दिया जाता है

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Amazon ने तो केवल एक platform दिया है —

कमाई वह करता है, जोखिम seller उठाता है।

घर से माल भेजो, नुकसान सहो, return झेलो, और ऊपर से खुद ही ad चलाओ — ये seller के लिए घाटे का सौदा है।

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1. बहुत कम Orders आते हैं – और जो गलती से आ भी जाते हैं, वो या तो fake होते हैं, या फिर ग्राहक बिना वजह return कर देता है।

2. Returns का सारा खर्च seller को भुगतना पड़ता है –

ग्राहक चाहे इस्तेमाल करके लौटाए या खराब कर दे, Amazon उसकी पूरी राशि तो लौटा देता है, लेकिन उस नुकसान का कोई भुगतान seller को नहीं मिलता।

3. Courier Charges और Fees बहुत अधिक हैं –

कई बार ₹200 में बिका product seller को सिर्फ ₹40–₹50 देकर छोड़ दिया जाता है।

उसमें भी अगर ad चलाया है तो वो भी seller की जेब से जाता है।

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बिना advertisement के product ranking में ही नहीं आता, और अगर आप पैसे देकर ad चलाते हैं तब भी guarantee नहीं कि order आएगा।

यानी पैसा देना पक्का है, order मिलना नहीं।

5. Product का Rate बहुत कम रखने की मजबूरी होती है –

Amazon का system ही ऐसा है कि "सबसे कम दाम" वाला product ही बिकता है, वरना visibility ही नहीं मिलती।

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